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{NEW} बैंगन की खेती करके कमाई करें | Brinjal Farming Profit in Hindi

बैंगन की खेती करके कमाई करें, कैसे करें, जानकारी, कब की जाती है, समय, कैसे होती हैं, करने का तरीका, लाभ, लागत [Brinjal Farming Profit in Hindi] (Baigan ki Kheti, Cultivation, Kaise Kare, kab ki jaati hai, Time, Tarika, Investment, Profit, Marketing)

सब्जियों के बिना हमारा दैनिक आहार पूरा नहीं होता है। विटामिन और मिनरल्स प्राप्त करने के लिए तथा आवश्यक पोषक तत्व पाने के लिए हमें सब्जियों का सेवन करना ही होता है। कुदरत ने हमें सब्जियों के तौर पर सब्जियों की कई वैरायटी खाने के लिए दी है जिसमें से ही 1 वैरायटी है बैगन। चीन के अलावा हमारे देश में बैगन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और इसकी खेती ऊंचे पहाड़ी वाले इलाकों को छोड़कर लगभग हर जगह की जाती है। जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे देश की जलवायु गर्म होती है और बैगन की खेती के लिए गर्म जलवायु उत्तम मानी जाती है। बैगन की कई किस्में होती है और यह दैनिक तौर पर खाई जाने वाली सब्जी है। अगर आपको बैगन की खेती करके पैसा कमाना चाहते हैं तो पहले इसके तरीके के बारे में जाना लीजिये कि बैंगन की खेती कब और कैसे की जाती है. इस पोस्ट में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।

बैगन की खेती करके कमाई करें

यदि आप पैसे कमाने के इच्छुक हैं और आपको खेती करने में रूचि हैं तो बैंगन की खेती सबसे अच्छा विकल्प है. इसकी खेती आप नीचे दिए गये तरीके से करके कमाई कर सकते हैं –

बैगन की खेती के लिए जमीन

बारिश के समय में पैदा किए जाने वाले बैगन की खेती की शुरुआत जून के महीने के पहले सप्ताह से ही चालू कर दी जाती है। बैगन की खेती करने के लिए सबसे पहले 1×3 मीटर की क्यारियां तैयार की जाती है। इस प्रकार एक हेक्टेयर जमीन में तकरीबन 30 क्यारियां बनकर तैयार होती हैं। इसके बाद बैंगन के बीज को लगाने से पहले और खेत को तैयार करते समय सभी क्यारियों में 300 ग्राम एनपीके और 20 किलोग्राम गाय या भैंस के गोबर से बनी हुई खाद डालनी पड़ती है।

बैगन की खेती के लिए मिट्टी

जिस मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ ज्यादा मात्रा में होते हैं उस मिट्टी में बैगन की खेती करने से आपको अधिक पैदावार मिलती है, और इसी के कारण बैगन की खेती दोमट मिट्टी से लेकर भारी मिट्टी में की जाती है। हालांकि इसके लिए जब बरसात का मौसम आता है, तब बरसात के मौसम में खेत में से पानी को निकालने के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए। आप चाहे तो बैगन की खेती करने से पहले मिट्टी का टेस्ट भी करा सकते हैं, ताकि आपको मिट्टी के पोषक तत्वों के बारे में जानकारी हो जाए, जिसमे 5.5 से 6 पीएच होता है, वह मिट्टी बैगन की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है।

बैगन की खेती के लिए खाद का चुनाव

बैगन की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए आपके पास बैंगन की खेती में इस्तेमाल करने के लिए अच्छी खाद की व्यवस्था भी होनी चाहिए। इसीलिए यह सलाह दी जाती है कि, बैगन के 1 हेक्टेयर के खेत में आपको तकरीबन 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम पोटाश, 250 क्विंटल गोबर की खाद और 75 किलो फास्फोरस डालना चाहिए। ऐसा करने से बैगन को सभी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं और वह मोटे मोटे और अच्छी मात्रा में उत्पन्न होते हैं।

बैगन की खेती के लिए रो मटेरियल

बैगन की खेती से अच्छी कमाई करने के लिए आपको इसकी नर्सरी को काफी अच्छे से तैयार करना होता है, क्योंकि जब इसकी नर्सरी अच्छी होगी, तो यह बड़ी होने पर आकार में भी काफी बड़ी होगी, जिससे इसका वजन ज्यादा होगा और आपकी कमाई भी ज्यादा होगी। बैगन की खेती के लिए रॉ मटेरियल के तौर पर आपको बैंगन के बीज, यूरिया खाद, डाई खाद, पोटाश खाद और गोबर की खाद, नाइट्रोजन और फास्फोरस की आवश्यकता पड़ती है। यह सभी खाद बैगन के बीज को पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिसके कारण उनकी बढ़ोतरी जल्दी से होती है।

कहां से खरीदें :-

बैगन की खेती के लिए कच्चा माल खरीदने के लिए आप किसी भी एग्रीकल्चर का सामान रखने वाली दुकान पर जा सकते हैं और वहां पर से आप इन सामानों को खरीद सकते हैं। अगर इन सामान की कीमत के बारे में बात की जाए तो, यह आपको दुकान पर जाने पर ही पता चलेगा। क्योंकि हर सामान की कीमत हर दुकान पर अलग-अलग होती है, हालांकि आप चाहे तो इसमें से गोबर की खाद को अपने घर पर ही बना सकते हैं, जिसके कारण आपको गोबर की खाद के लिए पैसे नहीं खर्च करने पड़ेंगे।

बैगन की रोपाई

जब बैंगन के बीज लगा दिए जाते हैं, तब यह सामान्य तौर पर 35 से 40 दिनों के अंदर तैयार हो जाते हैं। इस प्रकार 40 दिन के अंदर बैंगन के पौधे तैयार हो जाते हैं और जब बैंगन के पौधों की ऊंचाई 15 सेंटीमीटर हो जाए तथा पौधों में चार पांच पत्ती आ जाए, तब आप बैंगन के पौधों की रोपाई चालू कर सकते हैं।

वैसे आप बैगन के पौधों की रोपाई जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह में चालू कर सकते हैं। हालांकि बैगन के पौधों की रोपाई के दरमियान आपको इस बात का ध्यान रखना है कि बैगन के दो पौधों के बीच की दूरी आपको कम से कम 1 मीटर तक की रखनी है। प्रति एकड़ पर आप लगभग 7000 बैंगन के पौधों की रोपाई कर सकते हैं। जब यह पौधे तैयार होंगे तब आपको प्रति एकड़ में तकरीबन 120 कुंटल बैगन, बैगन की खेती से उत्पन्न होगा। बैगन की पैदावार करने के लिए आप बैगन की विभिन्न प्रकार की किस्मों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो बैगन की अच्छी मानी जाने वाली किसमो की बुवाई कर सकते हैं।

बैगन की उन्नत किस्में

पंजाब चमकिला, पन्त सम्राट, अकृशील आजाद क्रांती, पूसा क्रांती, पूसा पर्पिल लांग, पी एच -4, पूसा अनमोल, पूसा पर्पिल, क्लस्टर,पन्त बैगन, 126-5, पन्त बैगन-61, कल्याणपुर, विजय,कल्याणपुर टा-1,2, पूसा पर्पिल, पन्त बैगन 91-2, कल्याणपुर टा-4, पंजाब बहार, टाईप-3, बी आर 112

तैयार बैगन की तुड़ाई का समय

बैगन की फसल का अच्छा दाम प्राप्त करने के लिए आपको बैंगन को पूरी तरह से पकने से पहले ही उसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए, क्योंकि पूरी तरह से पकने से पहले तोड़े गए बैगन की डिमांड बाजार में ज्यादा होती है और लोग इसका अच्छा दाम भी देते हैं। परंतु बैगन की तुड़ाई करने से पहले आपको बैगन के कलर और उसके आकार का ध्यान देना चाहिए। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब बैगन देखने में अट्रैक्टिव और चिकना लगने लगे, तभी आपको उसकी तुड़ाई करनी चाहिए।

तैयार बैगन का स्टोरेज

बैगन की गिनती ऐसी सब्जियों में होती है, जिन्हें ज्यादा समय तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता। अगर इसे ज्यादा समय तक स्टोर करके रखा जाता है, तो इसके अंदर की नमी दूर हो जाती है, जिसके कारण यह बाजार में कम कीमत पर बिकता है। हालांकि आप चाहे तो 11 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर बैगन को 3 सप्ताह तक के लिए स्टोर कर सकते हैं। ऐसा करने से बैगन की नमी को 92 फ़ीसदी तक बचाया जा सकता है।

बैगन की खेती के लिए मशीन और जरूरी साधन

उन्नत बैगन की खेती बिना आवश्यक साधनों के नहीं की जा सकती, इसीलिए बैगन की खेती करने से पहले आपको कुछ साधनों का प्रबंध अवश्य कर लेना चाहिए।

  • बैगन की खेती करने के लिए आपके पास बैगन में पानी देने के लिए इंजन की व्यवस्था,
  • बैगन तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप की व्यवस्था,
  • अगर आप मोटर के द्वारा सिंचाई करते हैं तो मोटर की व्यवस्था,
  • निराई और गुडई के लिए खुरपी तथा कुदार,
  • बैगन की क्यारियां बनाने के लिए फावड़ा जैसे साधन होने चाहिए।

यह सभी साधन आपको बैगन की खेती में बहुत ही काम आते हैं, इसलिए बैगन की खेती करने से पहले या बैगन की नर्सरी तैयार करने से पहले आपको इन्हें इकट्ठा कर लेना चाहिए।

कीमत :-

अगर इन सभी साधनों की कीमत के बारे में बात की जाए तो इनकी कीमत अलग-अलग हो सकती है। फिर भी एक अंदाज के मुताबिक सिंचाई करने वाले इंजन की कीमत लगभग 15,000 के आसपास, सिंचाई करने वाली मोटर की कीमत लगभग 7,000 के आसपास हो सकती है। आप इसमें से सिंचाई के लिए किसी भी चीज का इस्तेमाल कर सकते हैं तथा बाकी की जितनी भी चीजें है, वह आपको आसानी से 5,000 के अंदर मिल जाएंगी।

कहां से खरीदें :-

फावड़ा, कुदार, खुरपी जैसी चीजें आपको आसानी से खेती का सामान रखने वाली दुकानों पर मिल जाएंगी। इसके अलावा आप इंजन, इंजन की दुकान से और मोटर किसी भी इलेक्ट्रिकल दुकान से खरीद सकते हैं और अगर आपको यह चीजें अपने लोकल बाजार में नहीं मिलती है, तो आप इसे ऑनलाइन बुक करके भी मंगा सकते हैं।

बैगन की खेती के लिए जगह का चयन

आपको बता दें कि, बैगन की खेती के लिए मध्यम गर्म जलवायु वाली जगह अच्छी मानी जाती है, हालांकि ऐसा नहीं है कि अन्य जगहों पर इसकी खेती नहीं होती है। हमारे भारत में लगभग अधिकतर इलाकों में बैगन की खेती बड़ी ही आसानी से की जा सकती है।हालांकि आप इसकी खेती जहां पर भी करें वहां पर जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि इसके खेत में ज्यादा पानी ना भरे। ज्यादा पानी भर जाने पर बैगन की खेती सड़ भी सकती है और आपकी बैगन की नर्सरी बर्बाद भी हो सकती है।

बैगन को कहां बेचें

जैसा कि आप जानते हैं कि, हमारे भारत में किसानों को अन्नदाता कहा जाता है। इसीलिए इनकी फसल पर इनका हक होता है। जब किसान की फसल या सब्जियां तैयार हो जाती है, तब किसान आसानी से अपने आसपास के बाजार में जाकर अपनी सब्जियां लोकल लेवल पर बेच सकते हैं। इसके अलावा वह चाहे तो अपने आसपास स्थित मंडी में भी अपनी खतौनी लगाकर अपनी सब्जियां बड़े पैमाने पर बेच सकते हैं.

बैंगन की खेती के लिये आवश्यक लाइसेंस

कुछ किसान ऐसे होते हैं, जो अपनी सब्जियों को दूसरे शहरों और दूसरे राज्यों में भेजते हैं। ऐसे में उन्हें ट्रेडर्स का लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। ट्रेडर्स का लाइसेंस होने पर वह अपनी सब्जियों को भारत भर में कहीं पर भी भेज सकते हैं या बेच सकते हैं, परंतु अगर किसान अपने लोकल बाजार में सब्जी बेचते हैं तो इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है, वही मंडी में अपनी सब्जी बेचने पर (अगर उनकी सब्जी अधिक मात्रा में है) तो किसान को अपनी खेत की खतौनी लगानी पड़ती है। बाद में उनकी खतौनी में सरकार के द्वारा उनकी पूरी सब्जी के पैसे भेज दिए जाते हैं।

बैगन की खेती में लागत

अगर बैगन की खेती में लगने वाली कुल लागत के बारे में बात की जाए, तो यह खेत के आकार पर निर्भर करती है, आपका खेत जितना ज्यादा बड़ा होगा और आप जितनी अधिक मात्रा में बैंगन के पौधे लगाएंगे, आपकी लागत उतनी ही ज्यादा होगी और आपको बाद में लाभ भी उतना ही ज्यादा मिलेगा। नीचे हम आपको एक बीघा खेत में बैगन की खेती को करने की लागत के बारे में बता रहे हैं। अगर आपके पास 2 बीघा खेत है, तो आप नीचे दिए गए डाटा को दोगुना कर सकते हैं, वहीं अगर आपके पास तीन बीघा खेत है, तो आप नीचे दिए गए डाटा को 3 गुना कर सकते हैं। इस प्रकार आपके पास जितने ज्यादा बीघा खेत है, आप उतने ज्यादा नीचे दिए गए डाटा को गुना कर सकते हैं।

  • एक बीघा खेत में आप 900 बैगन के पौधे लगा सकते हैं, इस प्रकार 900 बैगन के बीज की कीमत तकरीबन ₹2700 होगी।
  • इसके अलावा बैगन से पौधे की सिंचाई बैगन की तुड़ाई तक कम से कम 4 बार करनी होती है और एक बीघा खेत की सिंचाई करने में इंजन के द्वारा कम से कम 2 घंटा लगता है। इस प्रकार 2 घंटा इंजन चलाने के लिए आपको ₹200 का डीजल लगेगा।
  • सिंचाई के लिए अगर आप इंजन का इस्तेमाल करते हैं तो 15000 अथवा अगर आप मोटर का इस्तेमाल करते हैं, तो ₹7000 खर्च होंगे।
  • इसके अलावा बैगन के खेत में पानी देने के लिए आपको दूरी के हिसाब से पाइप भी खरीदनी होगी। पाइप जितनी ज्यादा लंबी होगी, आपको पैसे भी उतने ही लगाने पड़ेंगे।
  • बैगन की खेती में इस्तेमाल होने वाले उपकरण आपको 5000 के अंदर मिल जाएंगे।
  • इसके अलावा हमने आपको ऊपर जितने भी खादो के बारे में बताया है, वह सभी खाद एक बीघा खेत में डालने के लिए कम से कम ₹2500 के आसपास में मिलेंगी।

बैगन की खेती से कमाई एवं प्रॉफिट

बैगन की खेती से कितना फायदा हो सकता है यह निर्भर करता है कि जिस समय आपका बैगन तैयार हो गया है, उस समय तैयार बैगन का रेट बाजार में क्या चल रहा है, क्योंकि सब्जियों का रेट कभी कम या फिर कभी ज्यादा होता रहता है। इसीलिए बैगनी खेती से कितना फायदा हो सकता है, इसके बारे में निश्चित तौर पर तो नहीं कहा जा सकता है, पर इतना कहा जा सकता है कि अगर आपके बैगन का आकार बड़ा है, साथ ही उसमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है और बाजार में उस समय बैगन का अच्छा रेट चल रहा है, जिस समय आपके बैगन तैयार हो चुके हैं, तो आपको काफी अच्छा फायदा हो सकता है।

बैगन की खेती में जोखिम

बैगन की खेती में अगर जोखिम के बारे में बात की जाए, तो इसमें सबसे ज्यादा खतरा विभिन्न प्रकार के कीड़े मकोड़ों द्वारा बैगन के पौधे के पत्ते और तैयार बैगन को नुकसान पहुंचाने का होता है। कई कीड़े ऐसे होते हैं जो बैंगन के पौधे के पत्ते को छिन्न-भिन्न कर देते हैं। इसके अलावा कुछ कीड़े तो सीधा बैगन की जड़ पर ही अटैक करते हैं, जिसके कारण बैगन की जड़ को नुकसान पहुंचता है और वह पेड़ सूख जाता है। इसीलिए आपको कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल समय-समय पर बैगन के पौधों पर करना चाहिए। बैगन के पौधों पर छिड़काव करने के लिए आप phydol नाम की दवा को चूल्हे की राख के साथ मिलाकर सुबह के समय जब बैगन के पत्तों पर थोड़ा पानी पड़ा हो, तो छिड़काव कर सकते हैं। ऐसा करने पर बैगन के पत्तों पर और बैगन की जड़ों पर तथा तैयार बैगन पर हानिकारक कीट हमला नहीं कर पाते।

“बैगन की खेती करके पैसा कैसे कमाएं” हमें उम्मीद है कि हमारे इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको बैगन की खेती करने के बारे में अच्छी प्रकार से जानकारी प्राप्त हो गई होगी। अगर आपको बैगन की खेती से संबंधित कोई सवाल पूछना है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपना सवाल पूछ सकते हैं। हम आपको अवश्य रिप्लाई करेंगे।

FAQ

Q : क्या बैगन की खेती करना फायदेमंद है ?

Ans : जी हां परंतु इसे सही प्रकार से और इसकी पूरी जानकारी लेकर किया जाए तो।

Q : बैगन की खेती से कितना फायदा हो सकता है ?

Ans : यह डिपेंड करता है कि, आपने कितनी ज्यादा मात्रा में बैगन बोए हैं और आपके बैगन की क्वालिटी कैसी है। इसके अलावा यह मार्केट वैल्यू पर भी निर्भर करता है।

Q : बैंगन में कौन से रोग लगते हैं ?

Ans : पत्ता धब्बा रोग, अंग मारी रोग, झुलसा रोग, मलानी रोग, छोटी पत्ती रोग, सुतकर्मि रोग,

Q : बैगन की खेती किन देशों में ज्यादा होती है ?

Ans : भारत के अलावा चीन में बैगन की खेती ज्यादा होती है।

Q : बैगन की खेती के लिए अच्छी जलवायु कौन सी है ?

Ans : बैगन की खेती के लिए गर्म जलवायु अच्छी मानी जाती है।

Q : बैंगन के पौधे कितने दिन में तैयार हो जाते हैं ?

Ans : बैगन के बीज लगाने के बाद इसके पौधे 40 दिन में तैयार हो जाते हैं।

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